Mukhyamantri Bhikshavriti Nivaran Yojana: अगर आप बिहार में रहते हैं और किसी कारणवश भिक्षावृत्ति में लिप्त हैं, तो अब आपकी ज़िंदगी बदलने का समय आ गया है। बिहार सरकार ने “मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना” शुरू की है, जिसका उद्देश्य भिक्षुओं को मुख्यधारा में लाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत सिर्फ आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि आधार कार्ड, बैंक अकाउंट और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का भी लाभ मिलेगा।
योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना (MBNY) का उद्देश्य बिहार के भिक्षुओं का पुनर्वास, उन्हें स्वरोजगार से जोड़कर सम्मानजनक जीवन देना और भिक्षावृति को समाज से पूरी तरह समाप्त करना है। इसके लिए राज्य सरकार ने कई सुविधाएं और सहायता योजनाएं इसमें शामिल की हैं।
किन्हें मिलेगा लाभ?
इस योजना का लाभ बिहार राज्य के ऐसे व्यक्ति/परिवार ले सकते हैं जो भिक्षावृत्ति में लिप्त हैं और पुनर्वास तथा आर्थिक सहायता चाह रहे हैं। लागू किए गए पात्रता मानकों के अनुसार, स्थायी निवासी, गरीब और असहाय भिक्षुक, भिक्षुक परिवार के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित भिक्षुक आदि पात्र हैं।
मिलने वाले लाभ
सरकार ने योजना को व्यापक बनाने के लिए इसमें कई फायदे जोड़े हैं। एक तालिका के माध्यम से समझिए:
आवेदन प्रक्रिया
- सबसे पहले लाभार्थी को पहचान पत्र जारी किया जाता है।
- उसके बाद ज़रूरी दस्तावेज़ (जैसे – आधार, फ़ोटो, प्रमाण पत्र) के साथ आवेदन करना होता है।
- पुनर्वास सेवाओं के तहत काउंसलिंग और प्रशिक्षण का लाभ दिया जाता है।
- बैंक खाता खुलवाने, सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन कराने में विभागीय टीम सहायता करती है।
- ₹10,000 तक की आर्थिक सहायता योग्य लाभार्थी के खाते में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के ज़रिए भेजी जाती है।
योजना का असर
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 9,200 से अधिक भिक्षुक अब सम्मानपूर्ण ज़िंदगी जी रहे हैं और उनमें से 1,800 से ज़्यादा स्वरोज़गार में जुड़कर आत्मनिर्भर हो चुके हैं। पुनर्वास और काउंसलिंग के ज़रिए कई भिक्षुक पुन: समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना बिहार के भिक्षुओं के लिए आशा की किरण है। छोटी आर्थिक सहायता, सरकारी योजनाओं का कनैक्शन और आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ सरकार इन्हें न केवल आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि समाज में सम्माननीय जीवन जीने का मौका भी दे रही है। अगर आप या आपके आसपास कोई भिक्षुक है, तो इस योजना के लिए उसे प्रोत्साहित करें – ताकि बिहार को भीखमुक्त और खुशहाल राज्य बनाया जा सके।